Old Age Pension – अगर आप वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन या विकलांग पेंशन का लाभ ले रहे हैं या भविष्य में इसके लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। भारत सरकार ने पेंशन व्यवस्था को और पारदर्शी, डिजिटल और लाभकारी बनाने के लिए 1 जून 2025 से कुछ बड़े बदलाव लागू करने का फैसला लिया है। इन नए नियमों का मकसद यह है कि सही व्यक्ति को समय पर पेंशन मिले और कोई फर्जीवाड़ा न हो।
KYC और डिजिटल पहचान अब अनिवार्य
सरकार ने पेंशन से जुड़े दस्तावेजों और पहचान की प्रक्रिया को अब डिजिटल कर दिया है। यानी अब सभी पेंशनधारकों को आधार कार्ड से अपना बैंक खाता लिंक करना जरूरी होगा। इसके अलावा हर छह महीने में जीवन प्रमाण पत्र जमा करना भी अनिवार्य होगा, जो ऑनलाइन या नजदीकी CSC सेंटर पर दिया जा सकता है। सबसे जरूरी बात, हर लाभार्थी को अपनी ई-केवाईसी करानी होगी, जिससे फर्जी लाभार्थियों को रोका जा सके और जरूरतमंदों को ही लाभ मिले।
पेंशन की राशि में हुई बढ़ोतरी
सरकार ने इस बार वृद्धा, विधवा और विकलांग पेंशन की राशि में भी इजाफा किया है। अब न्यूनतम पेंशन राशि ₹2000 प्रति माह होगी और अधिकतम राशि ₹5000 तक हो सकती है, जो राज्य सरकार की नीति पर निर्भर करेगी। इसके साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच अब कोई अंतर नहीं होगा—सभी को समान राशि मिलेगी। पेंशन के लिए उन्हीं लोगों को पात्र माना जाएगा जिनकी वार्षिक आय ₹1.5 लाख से कम है।
पात्रता और दस्तावेजों की जांच हुई सख्त
नए नियमों के अनुसार अब पात्रता की जांच और दस्तावेजों की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा कड़ी होगी। वृद्धा पेंशन के लिए आवेदक की आयु कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए और वह BPL (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी में आता हो। विधवा पेंशन के लिए पति का मृत्यु प्रमाण पत्र देना जरूरी है और विकलांग पेंशन के लिए अब न्यूनतम विकलांगता सीमा 40% से बढ़ाकर 50% कर दी गई है। दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, जीवन प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र शामिल हैं, जिन्हें समय-समय पर अपडेट करना जरूरी होगा।
अब पेंशन सीधे बैंक खाते में और आवेदन होगा ऑनलाइन
अब पेंशन का भुगतान केवल आधार लिंक बैंक खाते में ही किया जाएगा। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया को भी डिजिटल कर दिया गया है। आप बैंक, CSC सेंटर या सरकारी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की स्थिति, पेंशन स्टेटस, पात्रता लिस्ट और शिकायतें भी अब ऑनलाइन देखी और दर्ज की जा सकती हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और लाभार्थियों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
सत्यापन प्रक्रिया होगी घर-घर
सरकार ने पेंशनर्स की सूची का भौतिक सत्यापन शुरू किया है। इसके तहत सरकारी अधिकारी घर-घर जाकर दस्तावेजों और पहचान की जांच करेंगे। अगर कोई लाभार्थी मृत पाया जाता है या अपात्र है, तो उसका नाम सूची से हटा दिया जाएगा। किसी भी फर्जी दस्तावेज या गलत जानकारी देने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और समय पर दस्तावेज जमा न करने पर पेंशन बंद की जा सकती है।
पेंशन कब मिलेगी? जानिए भुगतान की तारीख
नए नियमों के तहत अब पेंशन हर महीने की 7 से 10 तारीख के बीच लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे आएगी—बशर्ते सभी दस्तावेज सही हों और सत्यापन पूरा हो गया हो। अगर किसी का सत्यापन लंबित है या दस्तावेज अधूरे हैं, तो उस महीने की पेंशन रुक सकती है। हालांकि, सत्यापन पूरा होने के बाद रुकी हुई पेंशन भी एक साथ दी जा सकती है।
वृद्धा पेंशन योजना का ओवरव्यू
यह योजना पूरे भारत में लागू होगी और उन बुजुर्गों को लाभ देगी जो 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, BPL में आते हैं और जिनकी आय सीमा ग्रामीण क्षेत्रों में ₹46,080 तथा शहरी क्षेत्रों में ₹56,460 सालाना से अधिक नहीं है। पेंशन राशि ₹2000 से ₹5000 के बीच होगी और आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन/ऑफलाइन दोनों माध्यमों से की जा सकती है।
नए नियमों के फायदे क्या होंगे?
इन बदलावों से पेंशन की प्रक्रिया अब ज्यादा आसान, पारदर्शी और भरोसेमंद हो गई है। फर्जी लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें सूची से हटाना आसान हो जाएगा, जिससे असली जरूरतमंदों को समय पर लाभ मिलेगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच समानता आने से अब गांव के बुजुर्गों को भी उतना ही लाभ मिलेगा जितना शहर के लोगों को। साथ ही, डिजिटल प्रक्रिया के कारण भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।
Disclaimer
यह लेख सरकारी घोषणाओं और उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। नियमों में राज्य सरकार या केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। कृपया आवेदन करने से पहले संबंधित विभाग या आधिकारिक पोर्टल से जानकारी की पुष्टि अवश्य करें।